बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
                                             
क्या आप जानते हैं की भारत में वर्ष 1961 से बाल लिंग अनुपात (Child Sex Ratio) में लगातार गिरावट आ रही है? जहाँ 1991 में हर 1000 लड़कों की तुलना में 0 से 6 वर्ष की 945 लड़कियाँ थीं। वहीं 2011 तक आते आते यह संख्या गिर कर 918 तक आ गयी जो की एक गंभीर चिंता का विषय बन गया। एक देश को पूर्ण तरीके से विकास करने के लिए उसका सही तरीके से लिंग अनुपात बरकार रखना बेहद जरूरी होता है। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम’ की शुरुआत की। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में हिंदी  में पूरी जानकारी देंगे।                                                                                हमारे देश में 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लिंग अनुपात में अंतर है। अगर जिला स्तर पर बात करें तो 640 जिलों में से 429 जिलों ने गिरता लिंग अनुपात अनुभव किया है। 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री जी ने पानीपत में जब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (Beti Bachao Beti Padhao Scheme – BBBP) का आयोजन किया तब तीन मुख्य लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए इसकी शुरुआत की गयी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के यह लक्ष्य  कुछ इस प्रकार से हैं:
  1. कन्या भ्रूण हत्या का रोकथाम (Prevention of gender-biased sex-selective elimination)
  2. कन्याओं की सुरक्षा व समृद्धि (Ensuring survival & protection of the girl child)
  3. बालिकाओं की शिक्षा और भागीदारी सुनिश्चित करना (Ensuring education & participation of the girl child)                                                           बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का लाभ (BBBP Scheme benefits) जनता तक पहुँचाने के लिए सरकार द्वारा 100 करोड़ का बजट का अनुमानित किया गया है व 100 करोड़ और, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम – 2015 के तहत जुटाया जायेगा।  केंद्र स्तर पर इस योजना के बजटीय नियंत्रण व प्रशासन के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women & Child Development) जिम्मेदार होगा। यह योजना 100 जिलों के साथ एक पायलट रूप में शुरू की गयी है। एक वाक्य में कहें तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों की         मानसिकता में बदलाव लाना, पितृसत्ता को खत्म करना व महिला सुरक्षा एवं नारी शकशक्तिकरण है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लाभ कुछ इस प्रकार से हैं:यह जानना जरूरी है की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत आपको सीधा कोई आर्थिक लाभ (financial benefits) नहीं मिलता है। आर्थिक लाभ आपको सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Smriddhi Yojna) के तहत मिलते हैं जिनकी जानकारी आपको नीचे मिलेगी।इस योजना का सबसे सीधा प्रभाव कन्या भ्रूण हत्या व शिशु हत्या रोकथाम पर होगा।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP Yojna) से लिंग-अनुपात कम करने में काफ़ी असर होगा।कन्या भ्रूण हत्या एवं बेटे बेटी के बीच बढ़ते हुए भेदभाव में कमी आयेगी।बाल विवाह में कमी व बालिका शिक्षा में बढ़ोतरी होगी।                                                                                बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत आपको अपनी बेटी के लिए बैंक में जा एक अकाउंट ओपन करना होगा |जो भी सरकारी बैंक हैं आप  जा कर अपनी बच्ची का अकाउंट खुलवा सकते हैं ,बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत पोस्ट ऑफिस में भी अकाउंट ओपन करवा सकते हैं|                                        बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में आप कितना पैसा बैंक में जमा करवाएंगे ?और वापिस आपको बैंक कितना पैसा देगा?                                                                                दोस्तों आप इस राशि को बच्ची के जन्म से लेकर 14 वर्ष तक जमा करवाएंगे |        
  • इसके पश्चात आप 18 वर्ष होने पर भी शिक्षा के लिए वह रकम निकलवा सकते हैं|तथा 21 वर्ष पूरे हो जाने पर यह योजना बंद हो जाएगी और आपको पूरी रकम दी जाएगी|                        
  •                   बैंक में हर महीने 1000 जमा करवाने पर-
  • यदि आप बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत के प्रति वर्ष इस अकाउंट में 12000 की धनराशि जमा करते हैं |   तो आप इस तरह 14 वर्षों में 1,68,000 रुपए की धनराशि जमा करेंगे |        लेकिन योजना के अंतर्गत अकाउंट के परिपक्व होने के पश्चात आपको 6 लाख 7 हजार 1 सौ 28 रूपये प्रदान किए जाएंगे |(यह थोड़ी कम या अधिक भी हो सकती है)
                                                                                                                                         बैंक में 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष  जमा करवाने पर-
  • इस खाते में 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष अधिकतम जमा किए जा सकते हैं
  • लेकिन जब यह खाता परिपक्व होगा | तो आप को बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत 72 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे (यह थोड़ी कम या अधिक भी हो सकती है)
  • कन्या की उम्र 18 वर्ष हो जाने के पश्चात इस खाते से 50% की धन राशि कन्या की पढ़ाई एवं शादी के लिए निकाली जा सकती है |
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के  लाभ
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से भ्रूण हत्या कम होगी
  • लड़कियों का जीवन स्तर सुधरेगा |
  • लड़कियों को कोई भी नहीं मारेगा |
  • लड़कियां आत्मनिर्भर बनेगी|
  • इससे लड़कियों को वित्तीय सहायता मिलती है।
  • लड़के और लडकियों के बिच का भेदभाव कम होने लगेगा|
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए जरूरी कागजात
  • बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • उसके माता पिता का पहचान प्रमाण पत्र
  • उसके माता पिता का पता प्रमाण पत्र
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को आप बच्चे के जन्म से लेकर 10 वर्ष तक शुरू करवा सकते हैं
  • यह स्कीम NRIs के लिए नहीं हैं।
  • दोस्तों यदि आप बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को बच्ची के जन्म के समय ही शुरु कर दें ,तो आपको ज्यादा फायदा होगा                                                                                                                                यह सब जो भी ऊपर लिखा गया है सभी सरकार के द्वारा दिए गए नियम और कायदे है इसके पश्चात मैं अपने कुछ व्यक्तिगत विचार रखना चाहता हूं ,सभी पाठकों से अनुरोध करना चाहता हूं कि हमारे समाज में जो  भेद लड़की और लड़के के बीच में किया जाता है कृपया करके कोशिश कीजिए की उस भेद को अपने और अपने समाज के मन से बाहर निकाला जाए ,यह सभी जानते हैं कि कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है कानूनी तौर से भी प्राकृतिक तौर से भी और सामाजिक  तौर से भी क्या एक बच्चे की हत्या करके हमें इस धरती पर रहने का अधिकार होना चाहिए ? यह कितना क्रूरता पूर्ण कार्य है हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए, आप कैसे उस पत्नी के साथ पूरे जीवन भर रह सकते हैं जिसके पेट में आपने अपने बच्चे को जन्म लेने से पहले ही मार दिया हो क्या आपको रत्ती भर भी लज्जा नहीं आएगी क्या आपको यह नहीं लगेगा की आप एक हत्यारे हैं फिर आप में और एक अपराधी या यूं कहिए कि आतंकवादी मैं क्या अंतर रह जाएगा आज की परिस्थिति में चाहे लड़का है या लड़की दोनों ही  समान है सिर्फ उनकी प्रकृति को छोड़कर अन्यथा दोनों में कोई भी अंतर नहीं है आज के समय में चाहे  लड़का हो या लड़की दोनों ही अपनी अपनी आजीविका स्वयं अपनी योग्यता के आधार पर कमा सकते हैं परंतु फिर भी हमारा समाज लड़के और लड़की में फर्क करता है मैंने किसी के मुंह से सुना था की  लड़के बुढ़ापे का सहारा होते हैं परंतु यह बात भी आज मुझे सत्य प्रतीत नहीं होती क्योंकि लड़के भी पढ़ लिखकर अपने मां बाप को छोड़ कर चले जाते हैं और बूढ़े मां बाप अकेले ही अपने बुढ़ापे को व्यतीत करते हैं तो फिर फर्क क्यों करना क्यों एक अजन्मे बच्चे की हत्या करके हत्या का भागीदार और पाप का भागीदार बनना ,
यह सब मुझे बताने की जरूरत पड़ना   अर्थात हमारे  देश में मानसिक पिछड़ापन बहुत ही अधिक है  आप स्वयं सोचिए कि जब एक लड़की या महिला हमारे देश की राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रह सकती है तो फिर क्या कमी रह जाती है कि  लोग लड़कियों को परेशानी  या समस्या समझ कर देते हैं और उन्हें कोई आत्मग्लानि भी नहीं होती हमारे देश में शायद ही कोई ऐसा काम कोई ऐसा विभाग कोई ऐसा पद हो जहां कभी कोई महिला ना पहुंची हो परंतु फिर भी कन्या भ्रूण हत्या किया जाना बहुत ही दुखद है,अंत में माताओं के लिए कुछ पंक्तियां कहना चाहता हूं कृपया   पढ़ें एवं आत्मसात करें धन्यवाद |
                                यह दुनिया अगर गुलशन है तो नारी है उसकी माली
वह झुक जाए तो सीता उठ जाए तो चंडी काली ।
भारत माता के वतन में देखो कैसी नादानी
कन्या भ्रूण की हत्या युगों की क्रूर कहानी।
उठो बहनों यह प्रण लो, यह पाप नहीं होने देंगे
एक नन्ही सुगंधित कली को यूंही नहीं सोने देंगे।
                                                                               

Comments

Popular posts from this blog

The Amazon Rainforest: The World's Largest Rainforest

Himalayan Ecoregions

AMAZON DESTRUCTION