Be kind
आज के इस दौर में हम देख रहे है कि कैसे एक छोटा सा वायरस एक विषाणु पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बन गया है क्या आप लोगों को नहीं लगता कि मानव जाति को यह सोचने एवं विचार करने की आवश्यकता है के जिस जीवन शैली के साथ हम पिछले कुछ वर्षों से जीते आए हैं वह जीवन शैली गलत तो नहीं क्या आप लोगों को नहीं लगता की मानव आधुनिकता की दौड़ में गलत दिशा में बढ़ता चला जा रहा है क्या यह धरती यह आसमान इस धरती के संसाधन सिर्फ मनुष्य के लिए है बिल्कुल नहीं इस धरती आसमान एवं संसाधनों पर जितना मनुष्य का हक है इतना ही है यहां रहने वाले जीव जंतुओं एवं पशु पक्षियों का भी है परंतु भूलवश मनुष्य ने सभी वस्तुओं एवं सभी संसाधनों पर अपना एकाधिकार समझ लिया है जो कि मूर्खतापूर्ण है हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर एवं प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना आगे बढ़ना होगा यह बहुत आवश्यक है इस समय जैसा कि पूरे विश्व में इस बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है पुरी मानव जाति को एवं पूरी व्यवस्था को इस बीमारी में अपने घुटनों पर झुकाया हुआ है यह हमें यही दिखाने की कोशिश प्रकृति के द्वारा की जा रही है की अब इससे ज्यादा प्रकृति का विनाश ना क